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अमित पाण्डेय की ग़ज़लें

अमित पाण्डेय की ग़ज़लें

 
कोई भी काम छोटा या फिर बड़ा नहीं है 
पाना है कुछ तो दिल से दुनिया निकाल पहले 

ग़ज़ल- एक 
 
सर पर इनाम रख कर फ़तवा निकाल पहले
लेकर के जान उसकी ग़ुस्सा निकाल पहले
 
क़ातिल तलाशा तूने उसका पुराना आशिक़  
क़ातिल के दिल से उसका हिस्सा  निकाल पहले
 
कोई किसी के जैसा होता नहीं समझ लो
हो ना यकीं तो ख़ुद के जैसा निकाल पहले
 
रंजिश क्यों रोशनी से सूरज ढलेगा हर दिन 
घर से तू जुगनुओं का गुच्छा निकाल पहले
 
जितनी भी आरज़ू हैं कर दरकिनार उनको
कर लेना शौक़ घर का ख़र्चा निकाल पहले
 
लटकी हुयी हैं लाशें तफ़्तीश में पड़े हो
इनको उतार नीचे रस्सा निकाल पहले
 
कोई भी काम छोटा या फिर बड़ा नहीं है 
पाना है कुछ तो दिल से दुनिया निकाल पहले 

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ग़ज़ल- दो 

भरने में मेरे ज़ख़्म ज़माने लगे अगर
अपने ही मुझसे पीछा छुड़ाने लगे अगर 
 
आदत नहीं है ख़ौफ़ से जल्दी हूँ उठ गया
मुझको मरा समझ के उठाने लगे अगर 
 
बोझिल हैं मेरी आँख मैं सोने से बच रहा
सोते में उसके ख़्वाब सताने लगे अगर 
 
ऐसा हुआ है हाल कि होता है शक़ मुझे
पागल समझ के लोग भगाने लगे अगर 
 
बीमार का ये डर सुनो कितना अजीब है
मातम में लोग रील बनाने लगे अगर 

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Sanjay Mishra

14 September 2024

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रचनाकार परिचय

अमित पाण्डेय

ईमेल : amitpandey095@gmail.com

निवास : कानपुर (उत्तर प्रदेश)

नाम- अमित पाण्डेय 
जन्मतिथि- 26 नवंबर, 1988
जन्मस्थान- कानपुर (उत्तर प्रदेश)
लेखन विधा- ग़ज़ल 
शिक्षा- एम.बी.ए. 
सम्प्रति- प्राइवेट जॉब 
संपर्क- 36/51 राम दास मंदिर बंगाली मोहाल, कानपुर  
मोबाइल- 8887618445