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इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। दिसंबर 2024 के अंक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
राँची की प्रमुख धरोहर- डॉ० हरेन्द्र सिन्हा

डॉ० हरेन्द्र सिन्हा पुरातत्व विभाग से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं जो सतत साँसकरतिक धरोहरों के संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं । आप पुरातात्विक महत्व की पत्रिका के संपादक भी हैं। 

गुप्तकाल का ईंटों का मंदिर- अनूप कुमार शुक्ल

कानपुर के भीतरगाँव स्थित गुप्तकालीन मंदिर के विषय में जानिए कानपुर के पहले ब्लॉगर अनूप कुमार शुक्ल जी की यात्रा के माध्यम से। 

दास्तान ए बीबीघर (बीबीघर हत्याकाण्ड)- अनूप कुमार शुक्ला

कानपुर शहर मे बीबीघर नामक एक छोटा सा भवन था। इसे किसी अंग्रेज अफसर ने अपनी हिन्दुस्तानी बीबी (प्रेयसी) के लिए बनवाया जो बीबीघर कहा जाने लगा । इसमे 6 गज लम्बा आँगन था और इसके दोनो ओर 20 फुट लम्बे व 16 फुट चौड़े दो कमरे थे।

लोकधुन के सफल चितेरा चित्रगुप्त- मनोज भावुक

चित्रगुप्त जी की रूचि गीत-संगीत में बचपने से ही थी। एक बार पटना में एक विशाल जनसभा में उन्हें नेहरू जी के समक्ष देश-भक्ति गीत गाने का मौका मिला। नेहरू जी ने चित्रगुप्त जी की इतनी प्रशंसा की कि चित्रगुप्त जी ने गायक बनने का फैसला कर लिया।