दास्तान ए जाजमऊ (ययातिमऊ), कानपुर-उत्तर प्रदेश- अनूप कुमार शुक्ल
प्राचीनकाल से जाजमऊ कानपुर का भूभाग दक्षिण पंचाल का अंग रहा हैं। डॉ० अंगनेलाल जी कि 'उत्तर प्रदेश के बौद्ध केन्द्र' पुस्तक के अनुसार व बौद्ध साहित्य के मुताबिक अहोगंग (हरिद्वार) से सहजाति (भीटा,प्रयागराज) तक जाने वाला मार्ग व राजगृह से तक्षशिला जाने वाला सुप्रसिद्ध वणिक पथ कानपुर जिलान्तर्गत होकर ही जाता था। सहजाति से अग्गलपुर (वर्तमान कानपुर का जाजमऊ का विशाल टीला) तत्पश्चात उदुम्बर, कान्यकुन्ञ (कान्यकुब्ज), संकस्य (संकिसा) सोरेय्य (सोरो) से यह मार्ग सीधे अहोगंग पहुँचता था।