Ira
इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। दिसंबर 2024 के अंक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
डिस्लेक्सिया- नूपुर चौहान

नमस्कार मैं इस लेख में आज  डिस्लेक्सिया के विषय में बात करूँगी अपना लेख शुरू करने से पहले सभी लोगों से एक बात कहना चाहूँगी कि अगर आपके आसपास किसी बच्चे को डिस्लेक्सिया  हैं तो उस बच्चे की परेशानी को समझने की कोशिश करें और उसका मज़ाक कतई न बनाए।-

औरों से अलग होने का मतलब गलत होना बिल्कुल भी नहीं हैं।

डिसलैक्सिया- नूपुर चौहान

नमस्कार मैं इस लेख में आज  डिस्लेक्सिया के विषय में बात करूँगी  अपना लेख शुरू करने से पहले सभी लोगों से एक बात कहना चाहूँगी कि अगर आपके आसपास किसी बच्चे को डिस्लेक्सिया है तो उस बच्चे की परेशानी को समझने की कोशिश करें और उसका मज़ाक कतई न बनाए। -
औरों से अलग होने का मतलब गलत होना बिल्कुल भी नहीं हैं। 

भावनाओं की अभिव्यक्ति- डॉ० दीप्ति तिवारी

वो अपने घर वालों की बातें लगातार सुनती जा रही थीl ऐसी बे-सर-पैर की बातें और अपने ऊपर लगने वाले बेवजह के आरोपों से उसका मन आहत तो था मगर उससे ज़्यादा वो अचंभित थीl ऐसी स्थिति में उसका दिमाग जैसे सुन्न हो गया थाl मगर आँखों से आँसू लगातार बह रहे थेl वो चाह कर भी उन आँसुओं को रोक नहीं पा रही थीl काफी समय के बाद, जब वह स्वयं को थोड़ा सा व्यवस्थित कर पायी और शांत हो कर पूरी घटना के बारे में सोचने लगी तो उसको बहुत उलझन होने लगीl उसको लग रहा था की उसको अपनी बात सबके सामने कहनी चाहिए थीl

फेसबुक की बतकही (माता विमाता और मेरा भ्रम)- डॉ० मीनू अग्रवाल

साहित्य के संसार में मेरी आयु उतनी ही है, जितनी हाल ही में पढ़ी ,महादेवी वर्मा जी की कहानी बिंदा में ,बिंदा की सखी की रही होगी जो अमिट मृत्यु के विषय में इतना ही समझती थी कि "जब उसका सिर कपड़े रखने वाली अलमारी को छूने लगेगा तब वह अपने स्वर्ग गमन नाना दादा से मिलने ज़रूर जाएगी।"