Ira
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अनुभव राज के बाल गीत

अनुभव राज के बाल गीत

मैं ज़िद्दी हूँ तूफानों में
दीप जलाना चाहूँ
पंख हैं कोमल फिर भी नभ में
मैं तो उड़ना चाहूँ
डिगूँ न पथ से मुश्किल को ये
कहते कहते रहना है
मुझको बहना हरदम बहना
बहते बहते रहना है।

एक- चिड़ियों का स्कूल

देखो अजब अनोखा प्यारा
चिड़ियों का स्कूल
खुला गजब जंगल में न्यारा
चिड़ियों का स्कूल

बन्दर ढोल बजाता आया
घर घर यह समझाया
छोटी नन्हीं चिड़ियों को न
समझो घर की धूल
देखो अजब अनोखा प्यारा
चिड़ियों का स्कूल

कोयल मीठे गीत पढ़ाती
गौरैया मेहनत सिखलाती
तोता मैना संग तीतर हैं
पढ़ने में मशगूल
देखो अजब अनोखा प्यारा
चिड़ियों का स्कूल

शांति पाठ कबूतर गाए
मोर भी हर्षित नाच सिखाए
बत्तख उल्लू कौआ पढ़ते
सब शैतानी भूल
देखो अजब अनोखा प्यारा
चिड़ियों का स्कूल

फुदक -फुदक कर चिड़िया आ
चहक- चहक कर गाती जा
सदा उड़े तू आसमान में
शाखों पर ले झूल
देखो अजब अनोखा प्यारा
चिड़ियों का स्कूल

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दो- सुंदरवन में होली

सुंदरवन में होली आई
सब ने मिलकर धूम मचाई

बंदर ढोल बजाता आया
रंग अबीर भालू ले आया
हाथी जेब्रा हिप्पो पानी
की जम के बौछार लगाई

सुंदरवन में होली आई
सब ने मिलकर धूम मचाई

लोमड़ी पूरी पुए लाई
बिल्ली दही बड़े ले आई
कोयल के फागुन गीतों से
मस्ती सी सबपे लहराई

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तीन- देश ये मेरा

देश ये मेरा रंग रंगीला सब देशों में आला
इसकी महिमा को सब गाएं क्या गोरा क्या काला

भूख गरीबी में जो उलझे उनको दे अधिकार
सबको मिले सुरक्षा शिक्षा कौशल बढ़े अपार
हर जाति हर धर्म बोली को हृदय से इसने पाला
इसकी महिमा को सब गाएं क्या गोरा क्या काला

बड़े बुजुर्गों की हो सेवा रिश्तों में हो प्यार
मानवता की सेवा का ही मन मे हो संस्कार
लोकतंत्र का मंदिर है ये संविधान शिवाला
इसकी महिमा को सब गाएं क्या गोरा क्या काला

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चार - चलते चलते रहना है

मुझको चलना हरदम चलना
चलते चलते रहना है

मैं ज़िद्दी हूँ तूफानों में
दीप जलाना चाहूँ
पंख हैं कोमल फिर भी नभ में
मैं तो उड़ना चाहूँ
डिगूँ न पथ से मुश्किल को ये
कहते कहते रहना है
मुझको बहना हरदम बहना
बहते बहते रहना है।

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पाँच- काश ऐसा होता

काश ऐसा होता स्कूल
जिसमें जाते सबकुछ भूल

समय की पाबंदी न होती
देर से जाते, रहते कूल

कोई न टोका टाकी करता
टीचर हँसकर देते फूल

कभी न कोई घण्टी बजती
मस्ती में रहते मशगूल

टीवी पर कार्टून देखते
गाना गाते झूला झूल

जब हो मर्ज़ी पढ़ते लिखते
चलता हम पे कोई न रूल

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Aastha Deepali

09 December 2024

Behtareen abhivyakti ✨

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रचनाकार परिचय

अनुभव राज

ईमेल : anubhvraj808@gmail.com

निवास : मुज़फ्फ़रपुर (बिहार)

जन्मतिथि- 12 अगस्त, 2004
जन्मस्थान- मुज़फ़्फ़रपुर , बिहार
शिक्षा- डी एल एड ( प्रथम श्रेणी)
स्नातक हिंदी (प्रतिष्ठा) में अध्ययनरत
पुस्तक- चिड़ियों का स्कूल ( बाल कविता संग्रह), अभिधा प्रकाशन, वर्ष 2022
प्रकाशन- नेशनल बुक ट्रस्ट, छपते छपते, हस्ताक्षर, अभिनव बालमन, बाल किरण, प्रेरणा अंशु, अमेरिका से प्रकाशित पत्रिका सेतु, काव्यांजलि, सुवासित, साहित्य सुधा, पद्यपंकज, साहित्य सुषमा ई पत्रिका, नटखट चीनू,  मालंच, सच्चा दोस्त, सिटी फ्रंट अखबार में रचनाएँ प्रकाशित
अन्य - शतरंग साझा संग्रह , सा रे ग म प, हिंदी विभाग ( BRABU) की पत्रिका " नया प्रस्थान " में कविताओं का प्रकाशन,' नयी सदी के स्वर , भाग 3' आदि 
सम्मान- श्री हिंदी पुस्तकालय समिति, डीग द्वारा श्री ग्यासिराम गोयल हिंदी बाल साहित्य सम्मान 2021, स्पार्क ऑफ किलकारी 2022, डॉo ब्रजनंदन वर्मा शिखर बाल साहित्य सम्मान 2023, विद्यादेवी खन्ना बाल साहित्य सम्मान 2023, राज नारायण राय स्मृति साहित्य सेवा सम्मान 2023, अदबी उड़ान विशिष्ट साहित्यकार सम्मान  2023 , भारत गौरव सम्मान 2024, बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन,पटना द्वारा विशेष प्रतिभाशाली किशोर सम्मान 2024 आदि।
विशेष-1. NCERT की कक्षा दूसरी की पाठयपुस्तक सारंगी में 'मां ' कविता शामिल
2. राज्य निःशक्तता आयुक्त द्वारा एक दिन का कमिशनर बना
3. दूरदर्शन पर काव्य पाठ
4.राजीव गांधी फाउंडेशन द्वारा चलाये जा रहे ऑनलाइन कार्यशालाओं के अंतर्गत काव्य पाठ, कथापाठ, वाद विवाद, बाल पत्रकारिता, बाल साहित्य,  परिचर्चा एवं अन्य गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी
5. कई प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त करना ( बालमन फाउंडेशन द्वारा 'मेरी माँ' प्रतियोगिता मे द्वितीय स्थान), प्रेमचंद जयंती समारोह 2016 में काव्य पाठ में प्रथम स्थान और 2019 में द्वितीय स्थान
6. दिव्यांग आइडल एवं अन्य गायन प्रतियोगिताओं में सहभागिता
7. फेसबुक पर लाइव  काव्य एवं संगीत की प्रस्तुति देना
8.  रचनात्मक लेखन कार्यशाला में साधनसेवी की भूमिका में
अभिरुचि- संगीत, पेंटिंग, पर्यटन, कविताएं करना
संपर्क- शशि भवन, आज़ाद कॉलोनी, रोड-3
माड़ीपुर, मुज़फ़्फ़रपुर, प्रधान डाकघर, बिहार-842001
मोबाइल- 8084505505