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अशोक कुमार पाण्डेय 'अशोक' के घनाक्षरी छन्द

अशोक कुमार पाण्डेय 'अशोक' के घनाक्षरी छन्द

इस अंक में छन्द विधान के ज्ञाता, की पुस्तकों के रचयिता एवं ब्रज कुशमेश के संपादक वरिष्ठ कवि अशोक कुमार पाण्डेय 'अशोक'  के घनाक्षरी छन्द पढ़िए।  

घनाक्षरी- एक 

"रूप की प्रशस्ति सुनकर द्विज मण्डली से,
स्नेह सिक्त मोद में समस्त कंज डोले हैं।
पाँवड़े बिछाए सरिताओं के वसुंधरा ने,
स्वागत में किंशुक, अनार मनमोले हैं।
कीजिए न देर सर थाल में सजाए हुए,
पुंडरीक कलियों में माखन के गोले हैं।
जलपरियाँ हैं नहीं, श्याम तुम्हें देखने को,
भानुतनुजा की लहरों ने नेत्र खोले हैं ।"

 

घनाक्षरी- दो 

"तेरे शुभ्र हास का प्रकाश अवलोक कर,
संयम की कीर्ति निज वदन छिपाती है।
दशनावली की दिव्य ज्योति राशि देखने को,
अम्बर को चीर चारु चंचला भी आती है।
अधर प्रदेश से चुराते छवि राजहंस,
आनन से जलजात पंक्ति रंग लाती है।
रसना तुम्हारी रसना के शब्द पाती और,
रचना तुम्हारी रचना से बन जाती है।"

(1.उपर्युक्त छन्द में एक "रसना" का तात्पर्य जिह्वा से तथा एक रसना का तात्पर्य कमरपेटी से है। 
2.तीन प्रकार के हंसों में से राजहंस एक विशेष प्रकार पक्षी है जिसके चोंच और पंजे लाल रंग के होते हैं।)

 

घनाक्षरी- तीन 

खींचते रसिक-मन श्यामघन केशपाश,
हीरक कणों में छवि जुगनू जमात की ।
चुनर हरीतिमा की ललित लता की माल,
मदन संवारी दुलराई मंद वात की।
रंग अनुराग का मदिर कंज लोचनोंं में,
सेविका समान रति भीगे मृदु गात की।
जाती कहाँ किसके समीप इठलाती हुई,
दीप दामिनी का लिये रात बरसात की।

 

घनाक्षरी- चार 

"कोटिक युगों से बिखरे हैं उलझे हैं केश,
नायिका वियोगिनी तू प्रेम- अभिनेता की।
चातकी के बोल में लिए है एक ही का नाम,
ऐसा लगता है सती संयमी है त्रेता की।
अश्रुओं की धार का न छोर मिलता है रंच,
चेतना अचेतन हुई है विज्ञ चेता की।
प्रीति-प्रतिमा है बरसात शुभ लक्षणी तू,
मानो यक्षणी है मेघदूत के प्रणेता की ।"

 

घनाक्षरी- पाँच 

"बक पंक्तियों की नहीं झालरें सजी सुरम्य,
पावस-पताके चले अंबर को छूने हैं।
चंचलाएं शोभित न विशिख शिखी के चले,
करते वियोगियों के घाव नित्य दूने हैं।
जलद न जानों चारु चाकर जलेश के हैं,
आए भरने को पुष्करों के घट सूने हैं।
व्योम से धरा तक तना है बुंद जाल नहीं,
कोटि मंजु मोतियों की माल के नमूने हैं।"

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रचनाकार परिचय

अशोक कुमार पाण्डेय 'अशोक'

ईमेल :

निवास : लखनऊ( उत्तर प्रदेश)

जन्मतिथि- 10 मार्च 1950 ई.
जन्म-स्थान- लखनऊ (उ.प्र.)
सम्प्रति- दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बख्शी का तालाब, लखनऊ से सेवानिवृत्त।
प्रकाशन-
प्रकाशित कृतियाँ
1. व्योम की हथेली से (कवित्त- घनाक्षरी संग्रह) 1992,
2. एकलव्य (खण्डकाव्य) 1995, 3. परा (सवैया संग्रह) 1998, 4. रश्मियों की माला (कवित्त-घनाक्षरी संग्रह) 2016, 5. प्रेम पराग (खण्डकाव्य) 2021
साझा संकलनः रंग अपने-अपने, 1984
सम्पादन
1. मालती, प्रणेता- कविवर गोमती प्रसाद पाण्डेय 'कुमुदेश', 2. अंशुमालिनी (काव्यप्रधान त्रैमासिकी, वर्ष 1985 से 1988 ई.). 3. ब्रज कुमुदेश (काव्य प्रधान त्रैमासिकी, वर्ष 1997 से अब तक)
प्रकाश्य
1. द्वापर में अनुताप (महाकाव्य)
2. सुजान (प्रबन्ध काव्य)
3. मल्लिका (सवैया संग्रह),
4. लिखा लेखनी ने (लेख संग्रह),
5. रंग अनेक (काव्य संग्रह) ।

प्रमुख सम्मान • अनुरंजिका' कानपुर द्वारा सम्मानित, 2002 उ.प्र. हिंदी संस्थान द्वारा 'सरस्वती पुरस्कार' से सम्मानित (ब्रज कुमुदेश पत्रिका पर) • राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान द्वारा 'साहित्य गौरव' सम्मान, 2006 ई. एवं 'सुमित्रानंदन पंत सम्मान', 2008 • 'महाकवि रामजीदास कपूर सम्मान', 2007 • अधिवक्ता प्रकोष्ठ द्वारा 'शिखर भारती सम्मान 2007 सागर साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थान द्वारा 'सागरिका' सम्मान, 2008 • राष्ट्रकवि पं. वंशीधर शुक्ल स्मारक एवं साहित्य प्रकाशन समिति, लखीमपुर खीरी द्वारा राष्ट्रकवि पं. वंशीधर शुक्ल सम्मान, 2008 • राष्ट्रधर्म प्रकाशन लिमिटेड द्वारा 2009 एवं 2010 में सम्मान • 'मानस मृगेश साहित्य सम्मान 2012 सेवढ़ा, दतिया (म.प्र.) अखिल भारती वागीश्वरी साहित्य परिषद् द्वारा 'वागीश्वरी सम्मान', 2013 • अखिल भारतीय मंचीय कवि पीठ उत्तर प्रदेश सम्मान, 2014 • निराला साहित्य परिषद महमूदाबाद, सीतापुर द्वारा 'निराला सम्मान', 2014 • चेतना साहित्य परिषद लखनऊ द्वारा पं. शिवशंकर मिश्र स्मृति सम्मान, 2017 एवं चेतना गौरव सम्मान, 2018 युवा रचनाकार मंच उ.प्र. लखनऊ द्वारा 'आजीवन साहित्य उपलब्धि सम्मान, 2017 • जैन मिलन लखनऊ द्वारा 'कवि फूलचन्द जैन पुष्पेन्द्र साहित्य सम्मान 2017 सुन्दरम् साहित्य संस्थान द्वारा 'सुन्दरम् रत्न सम्मान, 2018 डा. जगदीश गुप्त गीतांजलि संस्थान द्वारा 'डा. जगदीश गुप्त छंद महार्णव सम्मान', 2019 • विश्व हिंदी शोध संवर्धन अकादमी वाराणसी द्वारा 'काव्य गौरव सम्मान', 2019 • सीता ग्रुप आफ एजूकेशन, महमूदाबाद, सीतापुर द्वारा 'सरल साहित्य सम्मान, 2022
विशेष- लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा वर्ष 1998 ई. में कृतित्व एवं व्यक्तित्व' पर एम.फिल. ।
संपर्क- 209 / 20, नालबन्दी टोला, ड्योढ़ी आगामीर, लखनऊ,
मोबाइल- 9236470390