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गरिमा सक्सेना के दोहे

गरिमा सक्सेना के दोहे

तार-तार होती रही, फिर भी बनी सितार।
नारी ने हर पीर सह, बाँटा केवल प्यार।।


कठिन परिस्थिति में सदा, लेती ख़ुद को ढाल।
नारी इक बहती नदी, जीवन करे निहाल।।

 

खुशियों का गेरू लगा, रखती घर को लीप।
नारी रंग गुलाल है, दीवाली का दीप।।

 

नारी संज्ञा सँग जुड़ें, प्रत्यय औ’ उपसर्ग।
पर अपने ही अर्थ का, रहा उपेक्षित वर्ग।।

 

पहनावा ही था ग़लत, किया सभी ने सिद्ध।
चिड़िया रोती रह गयी, बरी हो गये गिद्ध।।

 

तितली-सी उन्मुक्त है, बेटी की परवाज़।
मगर कहाँ वह जानती, उपवन के सब राज़।।

 

छ: गज लम्बी साड़ियाँ, चुनरी, बुरका, सूट।
बचा कहाँ पाये मगर, कोमल तन की लूट?

 

अच्छा है मैं बाँझ हूँ, बोली रोकर बाँझ।
जब कचरे में भ्रूण की, देखी ढलती साँझ।।

 

तार-तार होती रही, फिर भी बनी सितार।
नारी ने हर पीर सह, बाँटा केवल प्यार।।

 

पायल ही बेड़ी बनी, कैसी है तकदीर।
नारी का क़िरदार बस, फ्रेम जड़ी तस्वीर।।

 

नारी तू अबला नहीं, स्वयं शक्ति पहचान।
अपने हक़ को लड़ स्वयं, तब होगा उत्थान।।

 

दिन भर वह खटती रही, हुई सुबह से शाम।
घर आकर पति ने कहा, क्या करती हो काम?

 

नयी वधू के स्वप्न नव, अभी न पाये झूम।
औ' दहेज की आग में, झुलस गयी मासूम।।

 

अग्निपरीक्षा कब तलक, लेगा सभ्य समाज।
नारी की खातिर नहीं, बदला कल या आज।।

 

रही फटकती उम्र भर, उम्मीदों के सूप।
नारी को पर कब मिली, कतरा भर भी धूप?

 

मन के ज़ख्मों की कहो, कहाँ लगाऊँ हाँक?
पत्नी ने यह सोचकर, लिया चोट को ढाँक।।

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रचनाकार परिचय

गरिमा सक्सेना

ईमेल : garimasaxena1990@gmail.com

निवास : बैंगलोर (कर्नाटक)

जन्मतिथि- 29 जनवरी, 1990
शिक्षा- बी० टेक (इलेक्ट्राॅनिक्स एंड इन्सट्रयूमेंटेशन)
सम्प्रति- स्वतंत्र लेखन, कवर डिजायनिंग, चित्रकारी
लेखन विधाएँ- गीत, ग़ज़ल, दोहा, कविता, लघुकथा आदि।
प्रकाशन- दिखते नहीं निशान एवं एक नयी शुरुआत (दोहा संग्रह), हरसिंगार झरे गीतों से (गीत संग्रह), है छिपा सूरज कहाँ पर, कोशिशों के पुल एवं चेहरे का जयपुर हो जाना (नवगीत संग्रह)। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर रचनाओं का प्रकाशन।
संपादन- दोहे के सौ रंग (सौ रचनाकारों का सम्मिलित दोहा संकलन) भाग-1एवं 2, यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते।
संवदिया पत्रिका के दोहा विशेषांक का अतिथि संपादन
सम्मान/पुरस्कार- उ०प्र० हिंदी संस्थान द्वारा बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' पुरस्कार, हिन्दुस्तानी अकादमी इलाहाबाद द्वारा युवा लेखन कविता सम्मान, नवगीत साहित्य सम्मान (नवगीतकार रामानुज त्रिपाठी स्मृति) सहित दर्जनों संस्थाओं से सम्मानित।
स्थायी संपर्क- एफ- 652, राजाजीपुरम, लखनऊ (उत्तरप्रदेश)- 226017
वर्तमान संपर्क- मकान संख्या- 212, ए-ब्लाॅक, सेंचुरी सरस अपार्टमेंट, अनंतपुरा रोड, यलहंका, बैंगलोर (कर्नाटक)- 560064
मोबाइल- 7694928448