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डॉ० लवलेश दत्त के हाइकु

डॉ० लवलेश दत्त के हाइकु

टँगे हो तुम
यादों के आकाश में
चाँद के जैसे।

प्रभात वेला
टहलने निकला
सूर्य अकेला।



मेघों ने लिखी
बारिश की कहानी
धरती पर।



बूँदों का स्पर्श
जैसे बोला तुमने
आई लव यू।



पड़ीं जो बूँदें
धरा ने ओढ़ लिया
हरा दुशाला।



बेटे न लौटे
लौंट आईं बेटियाँ
ढली जो साँझ।



छुपा जाती है
मन की हर पीड़ा
एक मुस्कान।



मन न भरे
प्रेमिका-सी पुस्तक
जादू-सा करे।



रोज़ महके
तुम्हारी ही यादों का
हरसिंगार।



बावरा मन
गाये तेरी याद में
राग यमन।



दूर देश में
देख सूनी कलाई
रो पड़ा भाई।



बिजली गुम
मौन हुईं झालरें
मुस्काया दीप।



चमके तारे
बिखेरती सौगात
चाँदनी रात।



धरा ने धरा
चित्ताकर्षक रूप
ओढ़ी जो धूप।



टँगे हो तुम
यादों के आकाश में
चाँद के जैसे।



कविता तो है
पीड़ा का अनुवाद
आत्म-संवाद।

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रचनाकार परिचय

लवलेश दत्त

ईमेल : lovelesh.dutt@gmail.com

निवास : बरेली (उत्तरप्रदेश)

जन्मतिथि- 24 सितंबर, 1976
जन्मस्थान- बरेली (उत्तरप्रदेश)
संप्रति- सीबीएसई से सम्बद्ध एक सीनियर सेकेंडरी विद्यालय में प्रधानाचार्य, अनुकृति प्रकाशन के व्यवस्थापक एवं 'अनुगुंजन त्रैमासिक' पत्रिका के संपादक
लेखन विधाएँ- कहानी, ग़ज़ल, गीत, हाइकु, समीक्षा आदि
प्रकाशन/प्रसारण- भावत्रयी, तम्मन्ना (काव्य संग्रह), सपना, श्यामा, स्पर्श और हिस्से का सूरज (कहानी संग्रह), दर्द न जाने कोई (उपन्यास) एवं वर्णों का अनुनाद (हाइकु संग्रह)
आकाशवाणी बरेली-रामपुर तथा दूरदर्शन बरेली से साहित्यिक कार्यक्रम प्रसारित
संपादन- कहानी प्रसंग, समकालीन ग़ज़ल और विनय मिश्र तथा डॉ० मिथिलेश दीक्षित के साहित्य में मूल्य बोध
संपर्क- शिवछाँह, 165 ब, बुखारपुरा, पुराना शहर, बरेली (उ०प्र०)- 243005
मोबाइल- 9412345679