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डॉ. मिथिलेश दीक्षित की क्षणिकाएँ

डॉ. मिथिलेश दीक्षित की क्षणिकाएँ

चेहरे बिकाऊ थे कभी
अब तो मुखौटे बिक रहे हैं,
साफ़-सुथरे दिख रहे हैं।

क्रोध से जलने लगा,
एक तिनके ने हवा का रुख़
बदलने को बग़ावत की है शायद!

सीपी में
भर लिया समन्दर,
देख लिया
अब अपने अन्दर।


मेरा रोपा हुआ पौधा है,
मुझे न सही,
कल, औरों को
छाँह देगा।


इधर-उधर से
झटक रहे,
मन्दिर-मन्दिर
भटक रहे।


झुंड 'गिद्धों' के
सड़ी लाशों का खा-खा मांस
बढ़ते जा रहे हैं,
जमातें 'हंस' की गुम हो गयीं हैं।


नेक कामों से अगर
जुड़ जायेंगे,
रास्ते ख़ुद ही हमारे पास
चल के आयेंगे।


अँधेरे में भी जो
दिखायी दिया है,
दिया रोशनी का
न बुझने दिया है।


गूँज रहे हैं
नीरवता में बोल तुम्हारे,
छू-छू जाते प्राणों को
आ पास हमारे।


प्रेम का माधुर्य में
लय हो गया,
प्रेम से ही घर
शिवालय हो गया।


चौपाये से
दोपाया है,
इतना ही बस
हो पाया है।


माँ की उँगली छोड़कर
वह ख़ुद ही क्या चलने लगा,
सोच छोटी हो चली
और दायरा बढ़ने लगा।


अब निहारा सुमन का
सुन्दर-सलोना रूप,
दृष्टि-दर्शन-दृश्य
हो गये समरूप।


सामने था राजपथ
पर, ज़िन्दगी भर चले
पग धर अग्निपथ पर,
रुक न पाये क़दम ये
मुड़कर न देखा।


चेहरे बिकाऊ थे कभी
अब तो मुखौटे बिक रहे हैं,
साफ़-सुथरे दिख रहे हैं।

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रचनाकार परिचय

मिथिलेश दीक्षित

ईमेल : mithileshdixit01@gmail.com

निवास : लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

नाम- डॉ० मिथिलेश दीक्षित
जन्मतिथि
- 1 सितम्बर, 1946नाम- डॉ. मिथिलेश दीक्षित
जन्म स्थान- इटावा ( ननिहाल ) उ. प्र. 
शिक्षा- एम . ए . हिन्दी ( प्रथम श्रेणी ), एम . ए . संस्कृत ( प्रथम श्रेणी ), पीएच.डी.। 
सम्बद्धता- अनेक संस्थाओं - संस्थानों की संरक्षक, ट्रस्टी, अध्यक्ष, सचिव, महासचिव, परामर्शक, आजीवन सदस्य, अनेक पत्र-पत्रिकाओं की संरक्षक, परामर्शक तथा आजीवन सदस्य।
प्रकाशन
1. निबन्ध, शोध, समीक्षा, सन्दर्भ, कोश, साक्षात्कार, काव्य आदि से सम्बन्धित पचहत्तर से अधिक पुस्तकें प्रकाशित एवं अनेक प्रकाशनाधीन। 
2. पाँच हज़ार से अधिक लेख, निबन्ध, कविताएँ, साक्षात्कार आदि राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। 3. अनेक पुस्तकों की भूमिकाएँ एवं समीक्षाएँ प्रकाशित। 
4. अनेक राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय सन्दर्भ-ग्रन्थों, इतिहास-ग्रन्थों, कोश ग्रन्थों में परिचय प्रकाशित। 
सम्पादन- अनेक पुस्तकों का सम्पादन। अनेक पत्रिकाओं का सम्पादन एवं विशेष अंकों का अतिथि संपादन।
समीक्षात्मक-शोधात्मक कार्य
1. डॉ. मिथिलेश दीक्षित की हाइकु रचनाधर्मिता को समर्पित 'हाइकु भारती' विशेषांक 2001 
2. डॉ. मिथिलेश दीक्षित की रचनाधर्मिता पर विभिन्न विद्वानों द्वारा आठ ग्रन्थ प्रकाशित। 
3- हाइकु साहित्य एवं क्षणिका साहित्य पर कतिपय शोधकार्य सम्पन्न।
अन्य- भाषा एवं साहित्य के उन्नयन एवं प्रचार प्रसार हेतु सात देशों की यात्राएँ। सोशल मीडिया में निरन्तर सक्रिय। 
सम्मान- भारत में 200 से अधिक सम्मान तथा अनेक मानव उपाधियाँ। मॉरीशस, कम्बोडिया, इण्डोनेशिया, वियतनाम में स्तरीय सम्मान। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा पत्रकारिता में दो बार और समग्र साहित्य पर साहित्य भूषण (2 लाख की धनराशि सहित) सम्मान प्राप्त। 
सम्पर्क- जी- 91, सी, संजयगान्धीपुरम लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
पिन कोड- 226016
मोबाइल- 6389178793