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डॉ० मोहम्मद युनूस बट के उर्दू व्यंग्य आलेख का अनुवाद - डॉ० अख़्तर अली

डॉ०  मोहम्मद युनूस बट के उर्दू  व्यंग्य आलेख का अनुवाद - डॉ० अख़्तर अली

एैलीज़बैत टेलर की फिल्मे हिट होतो जा रही थीं और शादियाँ फ्लॉप। फिल्मों में वह इतनी व्यस्त रहती थी कि हनीमून पर जाने के लिये भी समय नहीं निकाल पाती थी, कुछ पतियों को तो उसने यह कहते हुए अकेले ही हनीमून पर भेज दिया कि फ़िलहाल तुम तो हो आओ मैं फिर कभी चली जाऊँगी।

जब से एैलीज़बैत टेलर की आठवीं शादी की शुभ सूचना आई है बशीर टेलर का दिल टूट गया है, उनका कहना है कि शादी करना ही था तो किसी टेलर से करती, उसने बिरादरी के बाहर शादी कर के अच्छा नहीं किया | यदि पहली बार ही किसी टेलर से कर लेतीं तो आठ बार करनी भी नहीं पड़ती क्योकि ज्यों ही रिश्तों में कोई सूराख़ होता टेलर तुरंत रफ़ू कर देता |

शादी एक शब्द नहीं बल्कि सम्पूर्ण वाक्य है |

जब असफल शादियों के बारे मे सोचा तो इस नतीजे पर पहुँचा कि अधिकतर शादियाँ इस कारण असफ़ल होती हैं क्योंकि शादी करने वालों को शादी का कोई अनुभव नहीं होता लेकिन एलीज़बैत टेलर को तो शादियों का लम्बा अनुभव था फिर भी हर शादी का परिणाम तलाक ही निकला | जानकारों का कहना है एैलीज़बैत टेलर ने जितनी तलाक ली है उतनी तो उन्होंने शादियाँ भी नहीं की हैं |
जब एैलीज़बैत टेलर की चौथी शादी थी तब उनके नये होने वाले दूल्हे से उनके दोस्त ने कहा- आज तुम्हारे जीवन का सबसे ख़ुशी वाला दिन है, यह सुनकर दूल्हे मियाँ ने कहा- लेकिन मेरी शादी तो कल है |
दोस्त ने कहा- इसीलिये तो आज कह रहा हूँ |
जब एैलीज़बैत की चौथी तलाक की कार्यवाही चल रही थी तब उन्होंने अपने थोड़ो देर के मियाँ से कहा- मेरी जैसी बीवी अब नहीं मिलेगी |
यह सुनकर चंद पल के शौहर ने कहा- इसी उम्मीद पर ही तो तलाक ले रहा हूँ |
एैलीज़बैत ने अपनी छठवीं शादी का कार्ड़ जब अपने साथी अभिनेता को दिया तो उसने क्षमा माँगते हुए कहा- इस बार तो नहीं आ पाऊँगा पर अगली शादी में आऊँगा ही आऊँगा |
एैलीज़बैत टेलर ने जब अपनी पाँचवीं शादी की पार्टी मे अपनी सहयोगी अभिनेत्री को बुलाया तो उसने अपने पति से कह दिया- मैं नहीं जाने की उसकी शादी में, मुझे तो जाने में शर्म आ रही है, वह पाँचवीं बार न्योता दे रही है और मैं उसको एक बार ही बुला सकी |
एैलीज़बैत टेलर जब अपनी आठवीं शादी के लिये मैरिज ऑफिस मे पहुँची तो रजिस्ट्रार ने देखते ही कहा- मैड़म इस बार काफी लेट आ रही हैं, कायदे से तो आपको जनवरी फ़रवरी मे आ जाना चाहिये था पर आप अक्टूबर मे आ रही हैं |
एैलीज़बैत टेलर की फिल्मे हिट होतो जा रही थीं और शादियाँ फ्लॉप। फिल्मों में वह इतनी व्यस्त रहती थी कि हनीमून पर जाने के लिये भी समय नहीं निकाल पाती थी, कुछ पतियों को तो उसने यह कहते हुए अकेले ही हनीमून पर भेज दिया कि फ़िलहाल तुम तो हो आओ मैं फिर कभी चली जाऊँगी।
एैलीज़बैत टेलर परदे पर अभिनय बहुत बढ़िया करती थी, काश वैसा अभिनय घर में भी कर लेती तो ज़िंदगी की फ़िल्म भी हिट हो जाती| बशीर टेलर ने अपनी नाराज़गी से अवगत कराने के लिये एैलीज़बैत टेलर को ख़त लिखा जिसका लौटती ड़ाक से जवाब आया- जनाब बशीर टेलर जी
आपका ख़त मिला, आपने जो सलाह दी है वह प्रशंसनीय है, आपने बिलकुल ठीक कहा कि- मुझे बिरादरी में ही शादी करनी चाहिये थी, मैं आपसे वादा करती हूँ कि अब भविष्य में जब भी शादी करूँगी किसी टेलर से ही करूँगी|

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रचनाकार परिचय

अख़्तर अली

ईमेल : akhterspritwala@gmail.com

निवास : रायपुर(छत्तीसगढ़)

जन्मतिथि- 14 अप्रैल 1960 
लेखन विधा-व्यंगकार, कथाकार, समीक्षक
प्रकाशन
आज की जनधारा में व्यंग्य स्तंभ
लिखित प्रमुख व्यंग्य  नाटक
निकले थे माँगने
क़िस्सा कल्पनापुर का
विचित्रलोक की सत्यकथा
नंगी सरकार
अमंचित प्रस्तुति
खुल्लम खुल्ला  
सुकरात  
अजब मदारी गजब तमाशा  
एक अजीब दास्ताँ  
दर्द अनोखे प्यार के नाक

प्रमुख नाट्य रूपांतरण
ईदगाह (मुंशी प्रेमचंद)
क़िस्सा नागफनी (हरिशंकर परसाई)
अकाल उत्सव (गिरीश पंकज)
मौत की तलाश में (फ़िक्र तौसवी)
टोपी शुक्ला (राही मासूम रज़ा)
बाकी सब खैरियत है (सआदत हसन मंटो)
असमंजस बाबू (सत्यजीत रे)
जितने लब उतने अफसाने (राजी सेठ)
एक गधे की आत्म कथा (कृष्ण चंदर)
बियालिस साल आठ महीने (सआदत हसन मंटो)
सात दिन
तुमने क्यों कहा था कि मै खूबसूरत हूँ (यशपाल)
काली शलवार (एक पात्रीय) (मंटो)
नाक (निकोलाई गोगोल)
प्रमुख नुक्कड़ नाटक
नाटक की आड़ में, लाटरी लीला, खदान दान 
मूलतः व्यंग्यकार, विगत 40 वर्षो से निरंतर लेखन जारी। व्यंग्य , समीक्षा , आलेख एवं लघु कथाओं का निरंतर लेखन। अमृत संदेश, नव भारत , दैनिक भास्कर, नई दुनिया, रांची एक्सप्रेस, जनवाणी, हरिभूमि , राजस्थान पत्रिका ,पंजाब केसरी, वागर्थ, बालहंस,सुखनवर, सामानांतरनामा, कलावासुधा , इप्टा वार्ता, सूत्रधार, कार्टून वाच, दुनिया इन दिनों  उदंती.कॉम, साहित्य सुधा, साहित्यकथा, रचनाकार, अट्टहास, विभोम स्वर, सदभावना दर्पण आदि आदि पत्रिकाओं में निरंतर रचनायें प्रकाशित |
विशेष- हबीब तनवीर से रंगमंच का प्रशिक्षण। अनेकों नाट्य स्पर्धाओं में सम्मेलनों, गोष्ठियों में शिरकत 
सम्पर्क– अख़्तर आली, निकट मेडी हेल्थ हास्पिटल , आमानाका , रायपुर 
मोबाइल- 9826126781