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ख़राब बॉस- हर्षा श्री

ख़राब बॉस- हर्षा श्री

बड़ा ही मनोरंजक एवं स्मरणीय संस्मरण 

ट्रेनिंग में उस दिन लीडरशिप स्किल्स का सेशन था।

उस वक़्त चर्चा का विषय था ‘ख़राब बॉस’।

हम सबके पास बहुत सारे अनुभव थे, अच्छे और ख़राब सीनियर्स दोनों के। ट्रेनर्स हम सबसे हमारे अनुभव पूछ रहे थे। सबके पास बहुत कुछ था बताने के लिए। सभी आगे बढ़ कर अपना झेला हुआ दर्द बयान कर रहे थे।

सबकी तरह मेरे भी कुछ कटु, या कहूँ कि बेहद कटु अनुभव थे। इतने लंबे वक़्त में कई असंवेदनशील, सैडिस्ट और महिला अधिकारी के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रस्त सीनियर्स से मेरा वास्ता पड़ चुका था। एकाध बार स्थितियाँ इतनी कठिन हो गई थीं कि मुझे ऑफिस में ही आँसू रोकना मुश्किल हो गया था। लेकिन कई बहुत अच्छे, संवेदनशील और स्नेहिल बॉस भी थे मेरी ज़िंदगी में, जिनके साथ काम का माहौल ख़ुशनुमा हो जाता था।

अचानक एक ट्रेनर ने कहा, “मेरा मानना है कि लाइफ़ में कम से कम एक ख़राब बॉस मिलना ज़रूरी है। क्या आप बताया सकते हैं क्यों?”

एकबारगी तो किसी को ये लॉजिक समझ में नहीं आया। फिर सबने दोबारा सोचा और कई सारे जवाब मिले ट्रेनर्स को, मसलन ‘बर्दाश्त करना आ जाता है’, एडवर्स कन्डीशंस में काम करने की आदत पड़ जाती है’, ‘अच्छाई की क़द्र करना आ जाता है’ वग़ैरह वग़ैरह। कई वजहें गिनाई गईं, हल्के-फुल्के शोर का सा माहौल बन गया लेकिन ट्रेनर शायद संतुष्ट नहीं थे।

थोड़ी शांति होते ही मैंने जवाब दिया, “ख़राब बॉस मिलना इसलिए ज़रूरी है ताकि हम ये जान सकें कि हमें कैसा नहीं बनना है।”

“परफेक्ट” ट्रेनर ने कहा, “मुझे यही जवाब चाहिए था।”

मुझे उस वक़्त शिवाजी सावंत जी के उपन्यास मृत्युंजय की एक पंक्ति याद आ रही थी जिसका आशय है, ‘जीवन में कैसा होना चाहिए, ये महत्वपूर्ण है। लेकिन कैसा नहीं होना चाहिए, इसका महत्व अधिक है।’

सिर्फ़ बॉस ही नहीं, हमारे जीवन में और भी बहुत से ऐसे लोग आते हैं, जो हमें बताते हैं कि हमें उन जैसा नहीं बनना है।

क्या आपको पता है कि आपको कैसा नहीं बनना है?

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रचनाकार परिचय

हर्षा श्री 

ईमेल : swapnilharsha@gmail.com

निवास : नई दिल्ली

जन्मतिथि- 29 जून 
जन्मस्थान- इलाहाबाद 
लेखन विधा- ललित लेख, संस्मरण, कविता 
शिक्षा- एम एस सी बॉटनी 
सम्प्रति- भारत सरकार में अवर सचिव 
प्रकाशन- अनुभूति - चिरंजीव सिन्हा के साथ कथा संग्रह, अहा ज़िंदगी, वनमाली कथा आदि में रचनाएँ प्रकाशित 
सम्मान- उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा अनुभूति के लिए नरेश मेहता सर्जना सम्मान 
प्रसारण- यादों का इडियट बॉक्स विथ नीलेश मिसरा सीज़न सेवन में कई कहानियाँ नीलेश मिसरा जी की आवाज़ में प्रसारित 
संपर्क- 20/11 लोदी कॉलोनी, नई दिल्ली-110003
मोबाइल- 9873883330