Ira
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मीनू खरे के हाइकु

मीनू खरे के हाइकु

मित्र हैं वृक्ष
साँसों के हस्ताक्षर
धरा के वक्ष!

मित्र हैं वृक्ष
साँसों के हस्ताक्षर
धरा के वक्ष!

 

 

उखड़ा वृक्ष
मिट्टी से लिपट के
रो पड़ीं जड़ें!

 


वसन्त गया
पतझड़ ठहरा
मन के वन!

 

 

माँ प्रेम बोती
हैं मरुस्थल में भी
पुष्प उगते!

 

 

माँ आयी आगे
दुख पीड़ा विषाद
डर के भागे!

 

 

मुग्ध करता
झुर्रियों से झाँकता
माँ का सौन्दर्य!

 

 

बेटे के लिए
नौदुर्गे पूजती माँ
वृद्धाश्रम में!

 

 

बेटी विदा की
तो याद आई माँ भी
सच्ची जाने क्यों!

 

 

प्यार का सिला
ऐसा उधड़ा मन
कभी न सिला!

 

 

तुम्हारे बाद
निंदिया ने नैनों को
दिया तलाक़!

 

 


नभ छू लेगी
उसका मन पढ़ो
बेटी को गढ़ो!

 

 

अम्मा की चिट्ठी
नैनों से खींच लायी
मोती की लड़ी!

 

 

आकर बैठे
वेदना के परिंदे
मन की शाख़!

 

 

निभाती रही
मजबूरी के रिश्ते
मज़बूती से!

 

 

आँखों के संग
नींद की प्रतीक्षा में
भटके ख़्वाब!

 

 


अन्तर्वेदना
विस्मित हो देखती
होठों की हँसी!

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रचनाकार परिचय

मीनू खरे

ईमेल : meenukhare@gmail.com

निवास : लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

जन्मतिथि-09 सितंबर 64
जन्मस्थान- लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
शिक्षा-MSc physics
लेखन विधा- हाइकु, लघुकथा, कहानी
प्रकाशन-
हाइकु संग्रह-१-खोयी कविताओं के पते
२- जुगनुओं की वसीयत
प्रसारण- आकाशवाणी, दूरदर्शन एवम् सोशल मीडिया पर
सम्मान/पुरस्कार- laghukatha स्वर्ण जयंती पुरस्कार, अखिल भारतीय डॉ.कुमुद टिक्कू कहानी प्रतियोगिता पुरस्कार
संप्रति- कार्यक्रम प्रमुख , आकाशवाणी लखनऊ
संपर्क-आकाशवाणी लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल-9415390900