Ira
इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। दिसंबर 2024 के अंक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।

पुष्पा मेहरा के हाइकु

पुष्पा मेहरा के हाइकु

अकेली तीली 
जला कर ही बुझी 
दीप अनेक।

वर्षा की बूँदें 
धरती की ख़ातिर 
दे गयीं प्राण।



अमलतास 
जेठ को ठेंगा दिखा 
खिलखिलाता।



जाता सूरज 
उदास मन साँझ
करती विदा।



तनहाइयाँ 
वक़्त की ड्योढ़ी पर
ख़्वाब सजातीं।



चलता चाक
लेती नव आकार
मृदु मृत्तिका।



अकेली तीली 
जला कर ही बुझी 
दीप अनेक।



लगा गुलाल
उठा रही घूँघट
धीरे से भोर।



उड़ी बेख़ौफ़ 
चूकीं दाँव पतंगें 
चाटती धूल।



धूप के बीज 
सूरज ने बो दिये
हँसी धरती।



हुआ सबेरा 
कर्म की राह पर 
सड़कें चलीं।



जीवन जंग 
बिजली–चक्रवात 
मिले हैं संग। 



गीज़र युग 
धूप में रखा पानी 
यादों में दादी।

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1 Total Review

पुष्पा मेहरा

09 August 2024

विषय वस्तु की दृष्टि से पत्रिका उच्च कोटि की है ,प्रिंटिंग अच्छी है, कवर पेज सावन को स्वीकार रहा है | नोट : मेरे निम्न हाइकु की पुनरावृत्ति हो गई है _ अकेली तीली \जलाकर ही बुझी \अनेक दीप |

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रचनाकार परिचय

पुष्पा मेहरा

ईमेल : pushpa.mehra@gmail.com

निवास : दिल्ली

जन्मतिथि- 10 जून, 1941
जन्मस्थान- मौरावाँ, ज़िला- उन्नाव (उ.प्र.)
लेखन विधा- कविताएँ, हाइकु एवं दोहे।
शिक्षा-एम .ए. (संस्कृत, समाजशास्त्र), बी. टी.।
सम्प्रति- स्वतंत्र लेखन। 
प्राकाशन- 4 कविता संग्रह, 2 हाइकु संग्रह, 1 दोहा संग्रह 
सम्मान- 'सागर मन' हाइकु काव्य संग्रह को  'अस्मिता साहित्य सम्मान' 2015
- शिक्षा विभाग, करोलबाग से उत्कृष्ट शिक्षिका पद से  सम्मानित।
प्रसारण- यूट्यूब पर -चाय पर कविता -पुष्पा मेहरा , दोहा संग्रह  -'तिनका-तिनका 'और हाइकु -संग्रह  'झील दर्पण'  का बुक ट्रेलर  
विशेष- एम.सी .डी. शिक्क्ष्ताष्हा  
सम्पर्क- बी-201, सूरजमल विहार, दिल्ली-92
मोबाइल- 9873443661