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राष्ट्र निर्माण और सांस्कृतिक उल्लास का महीना- अलका मिश्रा

राष्ट्र निर्माण और सांस्कृतिक उल्लास का महीना- अलका मिश्रा

उत्सवों के बीच पनपती संस्कृति। 

अक्टूबर का महीना भारतीय इतिहास और संस्कृति के लिए विशेष महत्व रखता है। इस महीने की शुरुआत महात्मा गाँधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती से होती है, जो हमें हमारे देश की नैतिक और नेतृत्व क्षमता की याद दिलाती है। गाँधी जी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया, जबकि शास्त्री जी ने "जय जवान, जय किसान" के नारे से देश को आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित किया।

2 अक्टूबर को गाँधी और शास्त्री जी की जयंती मनाकर हम न केवल उनके योगदान को याद करते हैं, बल्कि उनके विचारों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प भी लेते हैं। आज के समय में, जब हम सामाजिक और राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, गाँधी जी के सत्य, अहिंसा और शास्त्री जी की सादगी और सेवा भावना को फिर से अपनाने की आवश्यकता है।

इसके साथ ही, यह माह भारतीय संस्कृति के उत्सवों का साक्षी भी है नवरात्रि का पर्व इस माह के प्रारम्भ में मनाया गया, जिसमें माता दुर्गा की पूजा और आराधना की जाती है। नवरात्रि के नौ दिन हमें जीवन में शक्ति, साहस और विश्वास का महत्व सिखाते हैं। यह पर्व हमें यह भी याद दिलाता है कि बुराई पर अच्छाई की विजय अवश्य होती है।

नवरात्रि के बाद दशहरा आता है, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व रामायण की उस कहानी को दर्शाता है, जिसमें भगवान राम ने रावण का वध कर बुराई पर विजय प्राप्त की थी। दशहरा हमें सिखाता है कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, सत्य और न्याय की हमेशा जीत होती है।

अक्टूबर जाते जाते दीपकों की रौशनी दे गया, इस माह दीपावली का पर्व भी मनाया गया, जो अंधकार पर प्रकाश और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है। दीपावली का त्योहार न केवल घरों और गलियों को रोशन करता है, बल्कि हमारे दिलों में भी प्रेम, भाईचारे और समृद्धि की भावना को उजागर करता है। इस पर्व के साथ आने वाली लक्ष्मी पूजन और पटाखों की रोशनी हमें आशा और सकारात्मकता की ओर ले जाती है।

इस महीने ने हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की याद दिलाने के साथ-साथ, भारतीय संस्कृति के विविधता और समृद्धि का भी अनुभव कराया। यह समय है जब हम अपने आंतरिक मूल्यों को मजबूत करें, उत्सवों का आनंद लेने के साथ ही आपसी भाईचारा बनाये रखें और अपने समाज और देश के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने का संकल्प लें।

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रचनाकार परिचय

अलका मिश्रा

ईमेल : alkaarjit27@gmail.com

निवास : कानपुर (उत्तर प्रदेश)

जन्मतिथि-27 जुलाई 1970 
जन्मस्थान-कानपुर (उ० प्र०)
शिक्षा- एम० ए०, एम० फिल० (मनोविज्ञान) तथा विशेष शिक्षा में डिप्लोमा।
सम्प्रति- प्रकाशक ( इरा पब्लिशर्स), काउंसलर एवं कंसलटेंट (संकल्प स्पेशल स्कूल), स्वतंत्र लेखन तथा समाज सेवा
विशेष- सचिव, ख़्वाहिश फ़ाउण्डेशन 
लेखन विधा- ग़ज़ल, नज़्म, गीत, दोहा, क्षणिका, आलेख 
प्रकाशन- बला है इश्क़ (ग़ज़ल संग्रह) प्रकाशित
101 महिला ग़ज़लकार, हाइकू व्योम (समवेत संकलन), 'बिन्दु में सिन्धु' (समवेत क्षणिका संकलन), आधुनिक दोहे, कानपुर के कवि (समवेत संकलन) के अलावा देश भर की विभिन्न साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं यथा- अभिनव प्रयास, अनन्तिम, गीत गुंजन, अर्बाबे कलाम, इमकान आदि में रचनाएँ प्रकाशित।
रेख़्ता, कविता कोष के अलावा अन्य कई प्रतिष्ठित वेब पत्रिकाओं हस्ताक्षर, पुरवाई, अनुभूति आदि में रचनाएँ प्रकाशित।
सम्पादन- हिज्र-ओ-विसाल (साझा शेरी मजमुआ), इरा मासिक वेब पत्रिका 
प्रसारण/काव्य-पाठ- डी डी उत्तर प्रदेश, के टी वी, न्यूज 18 आदि टी वी चैनलों पर काव्य-पाठ। रेखता सहित देश के प्रतिष्ठित काव्य मंचों पर काव्य-पाठ। 
सम्मान-
साहित्य संगम (साहित्यिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक) संस्था तिरोड़ी, बालाघाट मध्य प्रदेश द्वारा साहित्य शशि सम्मान, 2014 
विकासिका (साहित्यिक सामजिक एवं सांस्कृतिक) संस्था कानपुर द्वारा ग़ज़ल को सम्मान, 2014
संत रविदास सेवा समिति, अर्मापुर एस्टेट द्वारा संत रवि दास रत्न, 2015
अजय कपूर फैंस एसोसिएशन द्वारा कविवर सुमन दुबे 2015
काव्यायन साहित्यिक संस्था द्वारा सम्मानित, 2015
तेजस्विनी सम्मान, आगमन साहित्य संस्था, दिल्ली, 2015
अदब की महफ़िल द्वारा महिला दिवस पर सम्मानित, इंदौर, 2018, 2019 एवं 2020
उड़ान साहित्यिक संस्था द्वारा 2018, 2019, 2021 एवं 2023 में सम्मानित
संपर्क- एच-2/39, कृष्णापुरम
कानपुर-208007 (उत्तर प्रदेश) 
 
मोबाइल- 8574722458