Ira
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संध्या सिंह के गीत

संध्या सिंह के गीत

लिखूँ मोर की
कलगी पर मैं
घने घने कजरारे बादल
सहमी हिरनी के
पैरों मे
लिखूँ कुलाँचे जंगल-जंगल

पिंजरे के
तोता मैना को
पंखों का विस्तार लिखूँगी

भरी दुपहरी बंजर-बंजर

सदियों-सदियों
दुर्गम रस्ते
जन्मों-जन्मों हम यायावर

अंतहीन
सर्पीला रस्ता
दूर क्षितिज पर मंज़िल दिखती
किरन पसीने से
मस्तक पर
अर्थहीन यात्राएँ लिखती

सर पर
सूरज के अंगारे
पैरों तले नुकीले कंकर
सदियों-सदियों
दुर्गम रस्ते
जन्मों-जन्मों हम यायावर

तेज़ हुए
नाखून धूप के
तन पर गहरी लगीं खरोंचे
तिस पर
नागफनी के जंगल
हरे घाव की पपड़ी नोचें

भरे-भरे
तालाब नयन के
और कण्ठ में रेत बवंडर
सदियों-सदियों
दुर्गम रस्ते
जन्मों-जन्मों हम यायावर

छाया छत
विश्राम ठिकाने
बने रहे पथ में अनजाने
झोंके बादल
और फुहारें
आये केवल रस्म निभाने

बीज लिए
मुट्ठी में फिरते
भरी दुपहरी बंजर-बंजर
सदियों-सदियों
दुर्गम रस्ते
जन्मों-जन्मों हम यायावर 



धरती को गुलज़ार लिखूँगी

पतझड़ के
उड़ते पत्तों को
महकी एक बयार लिखूँगी
जेठ माह की
भरी दुपहरी
सावन की बौछार लिखूँगी

जिस दिन जिस पल प्यार लिखूँगी
धरती को गुलज़ार लिखूँगी

लिखूँ मोर की
कलगी पर मैं
घने घने कजरारे बादल
सहमी हिरनी के
पैरों मे
लिखूँ कुलाँचे जंगल-जंगल

पिंजरे के
तोता मैना को
पंखों का विस्तार लिखूँगी

युगल कबूतर का
छज्जे पर
लिख दूँ गुटुर गुटुर बतियाना
घर के पीछे
खड़े ठूँठ पर
लिखूँ तितलियों का मंडराना

काँटे में
अटकी मछली को
बहती जल की धार लिखूँगी

आँधी बरखा में
उपवन का
पत्ता-पत्ता लिखूँ सुरक्षित
उड़ती चिड़िया के
रस्ते में
गिद्ध बाज को लिख दूँ वर्जित

आशंका के शब्द
मिटा कर
पृष्ठ-पृष्ठ त्यौहार लिखूँगी

मम्मी के
आँसू से लिख दूँ
पापा की रूमानी चाहत
चाची के
सौतन के दुख में
चाचा को मैं लिखूँ हिरासत

बड़ी बुआ के
विधवा तन पर
फिर सोलह शृंगार लिखूँगी

जिस दिन जिस पल प्यार लिखूँगी
धरती को गुलज़ार लिखूँगी

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रचनाकार परिचय

संध्या सिंह

ईमेल :

निवास : लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

जन्म तिथि- 20 जुलाई 1958
जन्म स्थान- ग्राम लालवाला, तहसील देवबंद, जिला सहारनपुर
शिक्षा- स्नातक विज्ञान, मेरठ विश्वविद्यालय
सम्प्रति- हिन्दी संस्थान, रेडिओ, दूरदर्शन, निजी चैनल पर काव्य पाठ एवं अनेक पत्र पत्रिकाओं एवं समाचार पत्रों में निरंतर रचनाएँ प्रकाशित, इसके अतिरिक्त स्वतन्त्र लेखन
प्रकाशित पुस्तकें-
चार प्रकाशित काव्य संग्रह ‘आखरों के शगुन पंछी ‘, "उनींदे द्वार पर दस्तक ‘मौन की झनकार’ और "संध्या सिंह की चयनित कविताएँ "
सम्मान एवं पुरस्कार-
अपने प्रथम नवगीत संग्रह ‘’ मौन की झंकार ‘ पर दुबई की संस्था ‘’अभिव्यक्ति विश्वम ‘ की ओर से "अंकुर पुरस्कार २०१६ " से पुरस्कृत
अभिनव कला परिषद् भोपाल की और से शब्द शिल्पी २०१७ सम्मान 
हिंदुस्तानी अकादमी दिल्ली द्वारा आयोजित गीत प्रतियोगिता में प्रथम स्थान
राज्य कर्मचारी संस्थान द्वारा 2018 में स्री लेखन पर सम्मानित
आयाम संस्था पटना द्वारा स्त्री लेखन पर 2017 में सम्मानित
समन्वय संस्था सहारनपुर द्वारा सृजन सम्मान 2018
संपर्क- लखनऊ(उत्तर प्रदेश)
मोबाईल- 7388178459