Ira
इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। दिसंबर 2024 के अंक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।

सरोज सिंह 'सूरज' के दोहे

सरोज सिंह 'सूरज' के दोहे

नीर भरे नैना रहें, लिये दरस की प्यास।
प्यासे नैना जल भरे,अजब विरोधाभास।।

 

आँगन बरसे बादरा, साजन हैं परदेस।
मेघदूत अब क्यौं नहीं, ले जाते संदेस।।

 

पावन निर्मल प्रेम हो, जैसे गंगा धार।
कोटिक कंचन त्याग के, कर लीजै स्वीकार।।

 

नैनन से नैना मिले, रैना नींद विहीन।
नीर भरे नैना लगें, ज्यों पानी में मीन।।

 

अगन लगन की लग गई, मनवा है बेचैन।
जैसे गीली लाकड़ी, सुलग रहा दिन रैन।।

 

प्रेम खेत नहिं ऊपजै, प्रेम न मोल बिकाय।
सहज प्रेम सब से करे, जो वह हरि को पाय।।

 

नीर भरे नैना रहें, लिये दरस की प्यास।
प्यासे नैना जल भरे,अजब विरोधाभास।।

 

कस्तूरी सी प्रेम की, प्रतिपल फैले बास।
नैनों से झलके कभी, वाणी दे आभास।।

 

प्रेम न ओछा जानिए, ईश प्रेम का दास।
वशीकरण यह मंत्र है, रख मन में विश्वास।।

 

प्रेम चमत्कारी करे, पतझड़ में मधुमास।
निशिदिन बढ़ती जा रही, प्रियदर्शन की प्यास।।

 

तुम वसंत से आ गए,मन में खिले पलाश।
ज्यों कस्तूरी हिरण की, पूरी हुई तलाश।।

******************

0 Total Review

Leave Your Review Here

रचनाकार परिचय

सरोज सिंह "सूरज"

ईमेल :

निवास : सतना (मध्य प्रदेश)

जन्मतिथि-
जन्मस्थान-
शिक्षा
-एम.ए.हिंदी साहित्य एम.एड. (मास्टर ऑफ एजुकेशन)संगीत प्रभाकर
संप्रति- प्राचार्य, महाराणा प्रताप हाई स्कूल नागौद
संस्थापक-उड़ान साहित्यिक एवं सामाजिक समिति
सदस्य-अनुभूति सांस्कृतिक समिति नागौद
अध्यक्ष-अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा इकाई नागौद
संयोजक-मध्यप्रदेश संस्कृति बिभाग पाठक मंच नागौद इकाई
संपादन-शब्द समिधा (काव्य संकलन) 
अनुभूति ( वार्षिक पत्रिका) 
सम्मान-
* नागरिक अधिकार आयोग द्वारा सामाजिक कार्यों के लिए 
* अलाउद्दीन खान संगीत विद्यालय सतना द्वारा सांस्कृतिक कार्यों के लिए
* उड़ान गुरु कुल द्वारा द्रोणाचार्य सम्मान
* शब्द शिल्पी समूह सतना द्वारा साहित्य सेवा हेतु
सामाजिक सारोकार -सांस्कृतिक एवं सामाजिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी
संपर्क-
मोबाइल-