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सरोज सिंह 'सूरज' के छन्द

सरोज सिंह 'सूरज' के  छन्द

भले हो कितना भी संत्रास
भोर आएगी रख विश्वास ।
देख तटरेखा है अब पास ।
अरे नाविक रख मन में आस।।

अनंगशेखर छन्द .
 
वसंतराज आगत:
 
कली-कली प्रफुल्लित: प्रसीद बेल वल्लरि:
वसंतराज आगत: प्रफुल्ल बाग वाटिका।
अली निवेदनं कृते ददाति केसरं कलि:,
वसुंधरा सुशोभितंं सुगंधयुक्त मृत्तिका।
वसंत आगत:अनंगदेव धारणं कृते,
प्रफुल्ल पुष्पचाप आम्रमंजरीय शायकम्।
दिशा-दिशा प्रभावयुक्त मन्मथाय आशुग:,
विदग्ध प्रीति अग्नये विदीर्ण वक्ष नायकम्।
 
वसंत पंचमी तिथि: प्रकट्य पर्व शारदा,
विवेक बुद्धि दायिनी उवाच ते सरस्वती।
त्वदीय पादपंकजम् ग्रहीत धन्य जीवनम्
नमामि  पद्म आसने नमामि मातु भगवती।
त्वदीय मंद स्मित:चराचर: प्रकाशित:,
प्रसीद हंसवाहिनी नव:रस:प्रदायनी।
इला स्वरा स्वयंप्रभा समुज्वला सुभाषिणी,
नमामि वेदमातु त्वं समस्त ज्ञान दायनी।
 
वसंत आत्मज:मनोज, व्याप्त त्वं चराचर:
तृणावृता धरा भवेतु स्वर्णधान्य उर्वरा। 
तड़ाग ताल वारिणी च वारि युक्त निर्झर:
फलादि शाक्य कंद मूल पुष्प जायते धरा।
नवीन रूप धार्यत:समस्त सृष्टि जागृत:,
परागयुक्त वायु प्राण चेतना समन्वये।
विराग राग द्वय समष्टि व्यष्टि एव जागृत:
नमामि मातु शारदे नमामि पुष्पधन्वये।



श्रृंगार छन्द

प्रेरणा

आज फिर उन्मन उन्मन श्वास
आज फिर श्वासों में उच्छ्वास ।
ह्रदय में घटा गहन गंभीर
विकल मन प्राण अतीव अधीर ।


भले कितनी गहरी हो पीर
नयन तू मत बरसाना नीर ।
न खोना रे मन तू विश्वास
तेरा कट जायेगा बनवास ।।

चला चल धारा के विपरीत ।
साहसी की होती है जीत ।
तोड उत्तंग भंवर का जाल ।
जलधि पर दे तू निर्भय ताल।।

गगन में घटाघोप हो छाय
दामिनी दमक हृदय दहलाय।
धरा पर गहन अंधेरा छाय
वात भी रौद्र रूप दिखलाय।

भले हो कितना भी संत्रास
भोर आएगी रख विश्वास ।
देख तटरेखा है अब पास ।
अरे नाविक रख मन में आस।।

पंथ निर्जन हों पथ में शूल।
किन्तु राही तू यह मत भूल ।
चला जो लीक छोड़ विपरीत।
अकेला हुआ यही है रीत ।।

मगर तू चलता चल अविराम।
पथिक गिरते साहस को थाम।
सफल होगा ये विजय प्रयास ।
लिखेगा इक दिन तू इतिहास ।।

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रचनाकार परिचय

सरोज सिंह "सूरज"

ईमेल :

निवास : सतना (मध्य प्रदेश)

जन्मतिथि-
जन्मस्थान-
शिक्षा
-एम.ए.हिंदी साहित्य एम.एड. (मास्टर ऑफ एजुकेशन)संगीत प्रभाकर
संप्रति- प्राचार्य, महाराणा प्रताप हाई स्कूल नागौद
संस्थापक-उड़ान साहित्यिक एवं सामाजिक समिति
सदस्य-अनुभूति सांस्कृतिक समिति नागौद
अध्यक्ष-अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा इकाई नागौद
संयोजक-मध्यप्रदेश संस्कृति बिभाग पाठक मंच नागौद इकाई
संपादन-शब्द समिधा (काव्य संकलन) 
अनुभूति ( वार्षिक पत्रिका) 
सम्मान-
* नागरिक अधिकार आयोग द्वारा सामाजिक कार्यों के लिए 
* अलाउद्दीन खान संगीत विद्यालय सतना द्वारा सांस्कृतिक कार्यों के लिए
* उड़ान गुरु कुल द्वारा द्रोणाचार्य सम्मान
* शब्द शिल्पी समूह सतना द्वारा साहित्य सेवा हेतु
सामाजिक सारोकार -सांस्कृतिक एवं सामाजिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी
संपर्क-
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