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शैलेन्द्र शर्मा के दोहे

शैलेन्द्र शर्मा के दोहे

 
गंगा-यमुना- ताप्ती,  भिन्न-भिन्न  पहचान। 
सागर से मिलकर सभी, होतीं एक समान।। 

मूरत से बाहर निकल, मन में व्यापो राम। 
अहं-घृणा-विद्वेष का, कर दो काम तमाम।। 


जन्म-मृत्यु वश में नहीं, फिर क्यों हो बेताब। 
काँटों में  हँस  कर  रहो, जैसे  हँसे  गुलाब।। 


उम्र ढल रही साँझ सी, मन हो रहा किशोर। 
सच को सच माने नहीं, कहे साँझ को  भोर।। 


बदल गईं सदियाँ कई, बदली  नहीं  तमीज़।
नया साल फिर आ गया, पहने फटी कमीज़।। 


उड़ें चतुर्दिक आँधियाँ, और धूल ही धूल
फिर भी दुनिया मस्त है, तू देता क्यों तूल


सबसे छोटा दिन हुआ, सबसे लम्बी रात। 
राजनीति सूरज करे, कैसे  मिले  निजात।। 


कोरे रखे सँभाल जो, अब तक 'कार्ड’ अनेक।
हँस कर 'मोबाइल' कहे,  दो  कूड़े  में  फेंक।। 


कविता मारी कहीं से, और किया कुछ  फेर।
'वाह वाहियाँ' मिल रहीं, 'ओरिजिनल' है ढेर।। 


व्यासपीठ  पर  बैठ  वे, प्रवचन  देते  नित्य। 
और उन्हीं की तान पर, भक्त कर रहे नृत्य।। 


कवि की है अनिवार्यता, हो  पूर्वाग्रह मुक्त। 
सत्य और बस सत्य ही, है उसके उपयुक्त।। 


गंगा-यमुना- ताप्ती,  भिन्न-भिन्न  पहचान। 
सागर से मिलकर सभी, होतीं एक समान।। 


बौनै तो थे हम नहीं, जबरन किये  हुज़ूर। 
फिर भी शोभा आपकी, हम से है भरपूर।। 


बेशकीमती हो गये, तेल और हथियार। 
मानव कीट-पतंग है, चलने दो व्यापार।। 


भले  कुहासा   गहन   हो, सूरज  देगा  साथ।
निकलेगा तम चीर कर, पकड़ किरन का हाथ।। 

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रचनाकार परिचय

शैलेन्द्र शर्मा

ईमेल :

निवास : कानपुर (उत्तर प्रदेश)

जन्मतिथि- 14 अक्तूबर 1947( स्कूली शिक्षा के अभिलेखानुसार)
जन्म स्थान- बिन्दकी, जनपद - फतेहपुर (उ.प्र.)
माता- स्व. शिव प्यारी देवी शर्मा
पिता- स्व. (डाॅ.) रामनारायण शर्मा
सम्प्रति- भारतीय रिज़र्व बैंक से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के पश्चात् स्वाध्याय एवं लेखन में सक्रिय
विधाएँ- गीत- नवगीत, ग़ज़ल, दोहे, दुमदार दोहे, कुण्डलियाँ, मुक्तक, अतुकांत रचनाएँ, साहित्यिक/सामाजिक आलेख एवं यात्रा संस्मरण आदि.
प्रकाशन- "संन्नाटे ढ़ोते गलियारे" ( गीत- नवगीत संग्रह, वर्ष 2009)
"रामजियावन बाॅंच रहे हैं" (नवगीत संग्रह, वर्ष 2018)
" ऊसर में टेसू खड़े "(दोहा संग्रह, वर्ष (2019)
" घुटने-घुटने पानी में (ग़ज़ल संग्रह) यंत्रस्थ
अन्य: "राही मानसरोवर का" (समकालीन गीत संग्रह), संकलनकर्ता : मधुकर अष्ठाना
"कद बौने साये बड़े ( समकालीन दोहा संग्रह), संकलनकर्ता : नचिकेता.(यंत्रस्थ)
इसके अतिरिक्त देश की विभिन्न स्तरीय पत्र-पत्रिकाओं रचनाओं का सतत् प्रकाशन एवं देश के लगभग ढ़ाई दर्जन से अधिक समवेत संकलनों में रचनाएँ संकलित
सम्मान एवं पुरस्कार- देश की अनेक चर्चित संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित.
संपर्क- 248/12, शास्त्री नगर, कानपुर- 208005
मोबाइल- 6387100753/ 9336818330