Ira
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शकुन अग्रवाल के सवैया छन्द

शकुन अग्रवाल के सवैया छन्द

आ गया भव्य त्योहार होली पिया,खेलना आपके संग चाहूँ मैं।
घोल लो रंग भी साजना प्रीति का,खूब पक्का चढ़े रंग चाहूँ मैं।
देह के साथ में रंग जो चित्त दे, रंग का हो यही ढंग चाहूँ मैं।
डोर बाँधी पिया आपसे नेह की,गाँठ हो ये सदा तंग चाहूँ मैं।

श्रद्धा सवैया

आ गया भव्य त्योहार होली पिया,खेलना आपके संग चाहूँ मैं।
घोल लो रंग भी साजना प्रीति का,खूब पक्का चढ़े रंग चाहूँ मैं।
देह के साथ में रंग जो चित्त दे, रंग का हो यही ढंग चाहूँ मैं।
डोर बाँधी पिया आपसे नेह की,गाँठ हो ये सदा तंग चाहूँ मैं।

 

दुर्मिल सवैया

वृषभानु लली इठला करके,सखियाँ सब लेकर साथ चली।
मुखड़ा खिलता खिलता उसका,सम कोमल एक गुलाब कली।
तकते अब राह खड़े घनश्याम,गुलाल लिए कर कुंज गली।
जब डाल गुलाल दिए मनमोहन,लाल हुई वृषभानु लली।।

 

मंदारमाला सवैया

वाणी सदा सत्य मीठी कहो आप,ये ही सभी के दिलों में रहे।
वो तीर जैसा हिया में चुभे बोल, जो झूठ की ओट ले के कहे।
पीछे नहीं सत्य से तू हटे मित्र,चाहे यहाँ घोर पीड़ा सहे।
वो शक्ति है सत्य में जान ले गूढ़,सामर्थ्य से शैल भी हैं ढहे।।

 

अरविंद सवैया

चल मार्ग मृषा यश नाम मिले,इसकी न रहे मन भीतर चाह।
क्षणभंगुर ही रहता सुख ये,मिलते फिर हैं बस कष्ट अथाह।
सुलझे सच से उलझी उलझी,इस जीवन की अति दुर्गम राह।
चमके रवि तेज परिश्रम का,जब बीत चले दुख की निशि स्याह।।

 

सुंदरी सवैया

चित चंचल है दृग हैं मृग से,घन कुंतल रूप मनोहर पाया।
मुख चारु सरोज समान लगे,दमके चपला सम कंचन काया।
महके मन चंदन सा उसका,स्वर कोकिल सा उर को अति भाया।
अनमोल वही सम माणिक है,मन को अब तुच्छ लगे सब माया।।

 

मनुज सवैया

क्षिति व्योम समाहित हैं जिनमें,भव लोक चराचर हैं मोहन।
जड़ चेतन में,जल में थल में,सबके बस भीतर हैं मोहन।
रच अद्य अतीत भविष्य सभी,जग पालक, ईश्वर हैं मोहन।
अँधियार हरें इस जीवन का,सम तेज दिवाकर हैं मोहन।।

 

दुर्मिल सवैया

वृषभानु सुता,मनमोहन की,शुचि निश्छल निर्मल चाह रही।
यह चाह अलौकिक थी जिसमें,उर प्रेम तरंग प्रवाह रही।
मन स्वार्थ न था इनके बस, मूक समर्पण शक्ति अथाह रही।
प्रतिमान बने द्वय चाहत का,अति नेह भरी यह राह रही।।

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रचनाकार परिचय

शकुन अग्रवाल 'सहज'

ईमेल : shakunagarwal44@gmail.com

निवास : राउरकेला (उड़ीसा)

जन्मतिथि- 22 फरवरी 1970
जन्मस्थान-पत्थलगांँव (छत्तीसगढ़)
लेखन विधा- छंद, ग़ज़ल, गीत, लघुकथा
शिक्षा-स्नातकोत्तर
सम्प्रति- स्वतंत्र लेखन
प्रकाशन- गीत संग्रह 'नेह वर्तिका' प्रकाशित
सम्मान- उड़ान साहित्य रत्न सम्मान, संकल्प साहित्य सौरभ सम्मान, काव्यांचल शास्त्र मणि सम्मान इत्यादि
पता- MM/13, सिविल टाउनशिप, राउरकेला-4, उड़ीसा
मोबाइल- 9437961691