Ira
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श्वेता राय के सवैया छन्द

श्वेता राय के सवैया छन्द

अंग अनंग तरंग उठाकर प्रेम सुधा बिखरावत नैना।
मान बसे मनुहार लिए उर चैन चुराय रिझावत नैना।

पात हरे नव डोल रहे सुर पंचम कोयल गाय रही।
चूनर पीत लपेट लिये बन भू कनिका इतराय रही।
नाच रही पछुआ बन जोगन बागन को बहकाय रही।
चैत ऋतू अब देख सखी सबके मन को हुलसाय रही।



धीर धरूँ हिय पीर भरे मन में सुधियाँ जब आवत है।
प्रीत भरी बतिया बदरा बन नैनन में फिर छावत है।
मोर पिपीहर कोयल संग जिऊँ बिरही बन गावत है।
आन मिलो किशना हमसे अब चैन जिआ कब पावत है।



दिव्य दिवाकर रूप लिये मन मंदिर में मुसकाय रहे।
अंतस भूधर भाव भरे उर मानस को सरसाय रहे।
मौसम से सब रंग लिये अरु सागर धीर बसाय रहे।
प्राण बने तुम नाथ प्रिये हिय आँगन को हरषाय रहे।



अंग अनंग तरंग उठाकर प्रेम सुधा बिखरावत नैना।
मान बसे मनुहार लिए उर चैन चुराय रिझावत नैना।
नाच नचाय रही प्रिय को हँसि वार गुलेल चलावत नैना।
रंग उमंग मलंग दिखा कर भंग क चंग चढ़ावत नैना।



मेघ लगे नभ में पट कोमल आभ मयंक सुशोभित है।
वात बहे मधु सौरभ ले कर रूप इला अति लोलित है।
रात लगे रति-सी मनभावन काम लिये मन लोभित है।
अंक लगा कर भोर करो अब प्रीत पिया हिय मोहित है।



भोर भई सखि शोर छिड़े दिश पूरब में दिखती शुभ लाली।
फूल खिले धर रूप मनोहर वंदन की सजती प्रभु थाली।
गूँज रही चँहुओर खुशी उर में बजती मधु गुंजन ताली।
धन्य हुआ जग स्वर्णिम पावन पूर्ण हुई अब जीवन पाली।

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रचनाकार परिचय

श्वेता राय

ईमेल : raishweta010@gmail.com

निवास : देवरिया (उत्तर प्रदेश)

जन्मतिथि- 03 अप्रैल 1982
जन्मस्थान- खलीलाबाद, संत कबीर नगर(उत्तर प्रदेश)
लेखन विधा- गीत, छंद, छंद मुक्त
शिक्षा- परा स्नातक (जंतुविज्ञान)
सम्प्रति- अध्यापिका, बेसिक शिक्षा परिषद
प्राकाशन- गीत संग्रह 'तुम अनुबंध निभाना' 2021 में प्रकाशित
पता- आज़ाद नगर, ट्यूबेल कॉलोनी, देवरिया
मोबाइल-7572000468