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डॉ० लवलेश दत्त की पुस्तक का अनासक्ति आश्रम कौसानी में विमोचन

डॉ० लवलेश दत्त की पुस्तक का अनासक्ति आश्रम कौसानी में विमोचन

इस पुस्तक में उन्होंने महात्मा गांधी के दार्शनिक विचारों को विस्तार से बताते हुए स्वातंत्र्योत्तर हिंदी कविता में उनकी अभिव्यक्ति को दर्शाया है।

बरेली (उ०प्र०) के जाने माने साहित्यकार डॉ० लवलेश दत्त की सद्य प्रकाशित पुस्तक गांधी-दर्शन और स्वातंत्र्योत्तर हिंदी काव्य का विमोचन आज कौसानी (उत्तराखण्ड) स्थित अनासक्ति आश्रम में आश्रम व्यवस्थापक श्री रमेशचन्द्र पांडे के कर कमलों द्वारा हुआ। डॉ० लवलेश दत्त की यह ग्यारहवीं पुस्तक है। इस पुस्तक में उन्होंने महात्मा गांधी के दार्शनिक विचारों को विस्तार से बताते हुए स्वातंत्र्योत्तर हिंदी कविता में उनकी अभिव्यक्ति को दर्शाया है। प्रस्तुत पुस्तक विकास प्रकाशन, कानपुर से प्रकाशित हुई है। ध्यातव्य है कि डॉ० लवलेश दत्त की यह ग्यारहवीं पुस्तक है। इससे पहले उनके तीन कविता संग्रह, चार कहानी संग्रह, तीन संपादित पुस्तकें एवं एक उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं। डॉ० लवलेश दत्त का उपन्यास 'दर्द न जाने कोई' डॉ० राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या और गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय, नोएडा में एम०ए० के पाठ्यक्रम में पढ़ाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त उनकी कहानी 'नेग' बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी में बी०ए० में पढ़ाई जा रही है।

इस पुस्तक के विमोचन के अवसर पर डॉ० लवलेश दत्त के साथ विकास शुक्ला, डॉ० सुधांशु मिश्र, अरुण कुमार एवं केशव कांडपाल उपस्थित रहे। डॉ० लवलेश दत्त ने पुस्तक की एक प्रति आश्रम के पुस्तकालय को भी भेंट की। सभी उपस्थित व्यक्तियों ने डॉ० लवलेश दत्त को उनकी नवीन पुस्तक हेतु बधाई दी।

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