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'डॉ० शांति कुमारी सम्मान' समारोह का आयोजन

'डॉ० शांति कुमारी सम्मान' समारोह का आयोजन

डॉ० शांति कुमारी सेवा संस्थान ने किया सम्मान समारोह का आयोजन। ओमप्रकाश यती, अवनीश भारती और रामानंद सिंह को मिला डॉ० शांति कुमारी सम्मान। तीनों साहित्यकारों को दिया गया मोमेंटो, सम्मान पत्र और 5100 रुपये की राशि।

मुजफ्फरपुर। वर्ष 2024 का डॉ० शांति कुमार सम्मान देश के चर्चित तीन साहित्यकारों को दिया गया। बुधवार को चैंबर ऑफ कॉमर्स में डॉ० शांति कुमारी सेवा संस्थान की ओर से आयोजित समारोह में उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर ज़िले के अवनीश त्रिपाठी को 'डॉ० शांति कुमारी गीत सम्मान', ग्रेटर नोयडा के ग़ज़लकार ओमप्रकाश यती को 'डॉ० शांति कुमारी ग़ज़ल सम्मान और बज्जिका के क्षेत्र में कार्य कर रहे शहर के वरीय लेखक रामानंद सिंह को डॉ० शांति कुमारी लोकभाषा सम्मान' से नवाज़ा गया। तीनों साहित्यकारों को डॉ० भावना और डॉ० अनिल कुमार ने शॉल, मोमेंटो, सम्मान-पत्र, पाँच हज़ार एक सौ की धनराशि और यात्रा भत्ता प्रदान किया।

स्वागत भाषण देते हुए संस्था की सचिव डॉ० भावना ने बताया कि साहित्यकार माँ डॉ० शांति कुमारी की स्मृति में पिछले तीन सालों से यह सम्मान साहित्य के विविध क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये दिया जाता है। इस वर्ष भी तीन साहित्यकारों का सम्मान कर संस्था गौरवान्वित महसूस कर रही है।ओमप्रकाश यती ने कहा कि माँ के नाम से हासिल यह सम्मान उनके साहित्य जीवन में हासिल अन्य तमाम पुरस्कारों पर भारी है़। गीतकार अवनीश त्रिपाठी ने कहा कि ऐसे समय में जब नयी पीढ़ी अपनी विरासत को भूल रही है, डॉ० भावना ने सम्मान की परंपरा शुरू कर एक नयी राह बनायी है।

इस मौके पर डॉ० संजय पंकज, डॉ० रामेश्वर द्विवेदी और दिल्ली से आये राहुल शिवाय ने अपनी बात रखी। प्रथम सत्र की अध्यक्षता डॉ० पूनम सिन्हा ने की़। संचालन गोपाल फ़लक ने किया।


डॉ० भावना पर केंद्रित पुस्तक का हुआ लोकार्पण

समारोह के दूसरे सत्र में गया सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्राध्यापक डॉ० ज़ियाउर रहमान जाफ़री की पुस्तक डॉ० भावना का ग़ज़ल साहित्य : चिंतन और दृष्टि, विजय कुमार की संपादित पुस्तक डॉ० भावना की चुनिंदा ग़ज़लें और अविनाश भारती की पुस्तक दहलीज के पार का लोकार्पण किया गया। इस मौके मौजूद साहित्यकारों ने तीनों पुस्तकों पर अपनी राय रखी। इस मौके पर वरिष्ठ ग़ज़लकार एवं आलोचक अनिरुद्ध सिन्हा ने कहा कि हिंदी ग़ज़ल अपने परिपेक्ष्य में आने वाले दिनों में एक अनिवार्य विधा हो गई है। यह प्रेम की चंगुल से निकलकर घर-परिवार और रिश्तों की बात कर रही है। लोक संवेदना इसके महत्वपूर्ण विषय बन गए हैं।

समारोह के तीसरे सत्र में कवि सम्मेलन हुआ, जिसमें पटना से संजय कुमार कुंदन, नसीम अख्तर, रवि किशन, डॉ० रूबी भूषण, आराधना प्रसाद, श्वेता ग़ज़ल, सूफिया खातून, रीतिका, डॉ० पंकज कर्ण, आनंदवर्धन, विजय कुमार सहित शहर की अनीता सिंह, डॉ० सोनी, सविता राज, संजय कुमार कुंदन, हेमा सिंह, अविनाश कुमार, चांदनी समर, मुन्नी चौधरी, शिवगतुल्ला हमीदी, अभिषेक आलोक, जगदीश शर्मा, विजय, उषा सहित अन्य कवियों ने रचनाएँ पढ़ीं।कवि सम्मेलन का संचालन डॉ० पंकज कर्ण ने और धन्यवाद ज्ञापन डॉ० भावना ने किया।



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