Ira
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सत्यम भारती की ग़ज़लें

सत्यम भारती की ग़ज़लें

अक्षर-अक्षर सत्य दिखाई देता है
सुख-दुख सबकुछ आकर ठहरा चेहरे पर
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सपने, ख़ुशबू, बादल, जुगनू
सबका कारोबार तुम्हीं से

ग़ज़ल-

देखा मैंने नकली चेहरा, चेहरे पर
सबकुछ ही था कितना अच्छा चेहरे पर

चेहरे से मुस्कान हटा कर देखो तुम
मिल जाएगा सच्चा-झूठा चेहरे पर

मैंने जब से उसको देखा सपनों में
दिखता है इक रूप सुनहरा चेहरे पर

अक्षर-अक्षर सत्य दिखाई देता है
सुख-दुख सबकुछ आकर ठहरा चेहरे पर

पूरा ही है चाँद तुम्हारा यह चेहरा
ओढ़ो मत तुम कोई दुखड़ा चेहरे पर

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ग़ज़ल-

प्यार और तकरार तुम्हीं से
फिर-फिर है मनुहार तुम्हीं से

पतझड़ मन का दूर करे जो
गुलशन और बहार तुम्हीं से

तुम तक ही मेरी कविताएँ
ग़ज़लों का विस्तार तुम्हीं से

सारी दुनिया तुममें दिखती
मेरा है संसार तुम्हीं से

सपने, ख़ुशबू, बादल, जुगनू
सबका कारोबार तुम्हीं से

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ग़ज़ल-

प्यार की मुझको कहानी कह गया
आँसुओं की तर्जुमानी कह गया

आग जैसी जिसकी फ़ितरत है वही
पास आकर मुझको पानी कह गया

मैं ज़मीं का था, ज़मीं पर ही रहा
कौन मुझको आसमानी कह गया

मैं पिघलकर उसमें ही शामिल हुआ
बातें जब मुझको पुरानी कह गया

हाल मेरे हैं ग़रीबों-से मगर
वह मुझे क्यों राजा-जानी कह गया

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ग़ज़ल-

मन ने क्या-क्या कहा है, सुनो तो सही
आज सपने दृगों में बुनो तो सही

हर तरफ ज्ञान बिखरा है, उसको पढ़ो
जो पढ़ा है उसे फिर गुनो तो सही

फूल चुनने को, सारा जहां चुन रहा
राह के कांटे भी कुछ चुनो तो सही

हर तरफ़ है अंधेरा, है कुहरा घना
सूर्य बनकर इन्हें तुम धुनो तो सही

सिर्फ़ अपनी कहानी सुनाओ नहीं
कौन क्या कह रहा है, सुनो तो सही

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ग़ज़ल-

घाव को जब मुझको भरना आ गया
कण्टकों पर मुझको चलना आ गया

दोस्ती जब दुश्मनी जैसी हुई
तब मुझे गिरकर संभलना आ गया

देखकर तुमको हुआ मन मोर-सा
और फिर उसको मचलना आ गया

प्यार ने दिल में भरा अहसास वो
पा जिसे मुझको संवरना आ गया

चार दिन संसद-भवन में वे रहे
फिर था क्या, उनको मुकरना आ गया

3 Total Review

वसंत जमशेदपुरी

20 December 2024

मतला में अना की बंदिश है अतः काफिए सही हैं

वसंत जमशेदपुरी

18 December 2024

बेहतरीन गजलें, लाजवाब कहन

B

Bhanu jha

10 December 2024

सत्यम भारती की गजलें अच्छी हैं बेहतर प्रयास है आखिरी गजल में भरना, चलना, मचलना, संवारना ,मुकरना का काफिया गलत जा रहा है

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रचनाकार परिचय

सत्यम भारती

ईमेल : satyamjnu1995@gmail.com

निवास : बेगूसराय (बिहार)

जन्मतिथि- 11 दिसम्बर, 1996
जन्मस्थान- वनद्वार (बेगूसराय)
संप्रति- प्रवक्ता हिंदी
शिक्षा- एम० ए०, पीएच० डी (अध्ययनरत)
प्रकाशन- बिखर रहे प्रतिमान (दोहा संग्रह) एवं सुनो सदानीरा (ग़ज़ल संग्रह) प्रकाशित
दोहे के सौ रंग, हलधर के हालात, यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, मौसम बदलने की आहट, ओ पिता!, सूली पर भगवान, ग़ से ग़ज़ल, कविताओं में माँ एवं फ़लक आदि समवेत संकलनों में रचनाएँ प्रकाशित
कविता कोश, गद्य कोश, अमर उजाला आदि पोर्टल पर रचनाएँ प्रकाशित
निवास- ग्राम व पोस्ट- वनद्वार, वार्ड नं०- 4, भाया-रजौड़ा, थाना- नीमा चाँदपुरा, ज़िला- बेगूसराय (बिहार)- 851131
मोबाइल- 8677056002