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पण्डित लक्ष्मीकान्त त्रिपाठी पण्डित लक्ष्मीकान्त त्रिपाठी
निवास कानपुर (उत्तर प्रदेश)
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पण्डित अम्बिकाप्रसाद त्रिपाठी के पुत्र पण्डित लक्ष्मीकान्त त्रिपाठी जी का जन्म 20 अक्टूबर 1898 को कुन्दौली, कानपुर में हुआ था। सन् 1918 में क्राइस्टचर्च कालेज कानपुर से बी.ए.करने के बाद लक्ष्मीकान्त जी इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम.ए. इतिहास विषय मे उत्तीर्ण कर अध्यापन कार्य मे संलग्न हो गये। कानपुर के क्राइस्टचर्च कालेज मे दीर्घअवधि तक अध्यापन व इतिहास विभाग के अध्यक्ष पद पर रहे और एक वर्ष कान्यकुब्ज कालेज के प्रधानाचार्य भी रहे। आपके शोध निबंध सरस्वती, प्रभा, सुधा, माधुरी, प्रताप ,वर्तमान और दैनिक जागरण मे प्रकाशित होते रहते थे। आपने पटकापुर मे अपना निवास बनाया और यहीं पर सन १९४६ ई० बाबू नारायणप्रसाद अरोड़ा व श्याम विजय पाण्डेय के साथ मिलकर कानपुर इतिहास समिति का गठन किया जिसके अध्यक्ष बाबू नारायण प्रसाद अरोड़ा व मंत्री आप बने। उसी वर्ष 1946 में आपने अपने भाई रमाकान्त त्रिपाठी के साथ मिलकर "कानपुर के कवि" और सन 1947 में कानपुर के प्रसिद्ध पुरुष  व 1948 में कानपुर के विद्रोही पुस्तक बाबू नारायण प्रसाद अरोड़ा व श्याम विजय पाण्डेय के साथ मिलकर लिखी व प्रकाशित कराई थी। सन 1950 में कानपुर का इतिहास भाग-1 व 1958 में कानपुर का इतिहास भाग-2  बाबू नारायण प्रसाद अरोड़ा के साथ मिलकर लिखी व प्रकाशित कराई थी। राय देवीप्रसाद पूर्ण की कविताओं का संकलन व सम्पादन "पूर्ण संग्रह" के नाम से किया जो गंगा पुस्तकमाला, लखनऊ से प्रकाशित हुआ था। 
    आपके दत्तक पुत्र डा.अनिल मिश्र (बब्बू)  डी. ए. वी. कालेज मे इतिहास के प्रोफेसर रहे। आपका निधन कठेरुआ मे वर्ष १९८१ मे हुआ। आप स्थानीय इतिहास के साथ साथ साहित्य संस्कृति राजनीति धर्म व समसामयिक विषयों पर निरन्तर लिखते रहते थे। आपका पटकापुर कानपुर का पाठागार बहुत ही समृद्ध था ।
 
 
 

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