Ira
इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। दिसंबर 2024 के अंक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
डॉ. कल्पना दुबे के हाइकु

मरघट-सी
पसर जाती शान्ति
औरत बिना।

 

इन्दिरा किसलय के हाइकु

रंगों के छंद
फूलों से अनुबंध
रचती पृथ्वी।

डॉ० सुरंगमा यादव के हाइकु

प्रकृति कहे
मुझसे बड़ा कौन
उत्तर मौन।

डॉ० रवीन्द्र प्रभात के हाइकु

उनका लोहा
मेरी केवल धार
मैं फटेहाल।