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इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। दिसंबर 2024 के अंक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
वसंत पञ्चमी की हार्दिक शुभकामनाएँ- अलका मिश्रा

प्रवेशांक पर आपकी पहुँच एवं प्रतिक्रियाओं द्वारा उत्साहवर्धन करने हेतु आप सभी का हार्दिक आभार। आपसे यह निवेदन है कि आप निरंतर इसी प्रकार अपने सुझाव, रचनाएँ एवं प्रतिक्रियाएँ देकर हमारी इस यात्रा में हमारे सहयोगी बने रहें।

चेतना का बहुआयामी स्वर- अलका मिश्रा

शायद इसी का नाम ज़िन्दगी है, ये कभी भी एक जैसी नहीं रहती नित नये स्वांग रचाती है, कभी हँसाती है तो कभी आँखों में पानी ले आती है। इसीलिए ज़िन्दगी के प्रति हमारा भी रवैया ऐसा ही होना चाहिए कि हर पल को ज़िन्दादिली से जिया जाये, यदि रास्ते में दुःख आये भी तो दो घड़ी ठहर कर फिर सफ़र पर आगे बढ़ा जाये क्योंकि वक़्त बहुत कम है और करने को बहुत कुछ।