Ira
इरा मासिक वेब पत्रिका पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है। दिसंबर 2024 के अंक पर आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
अश्विनी कुमार त्रिपाठी की ग़ज़लें

अश्विनी कुमार त्रिपाठी हिंदी की ग़ज़ल का एक प्रतिभाशाली युवा नाम हैं। इनकी ग़ज़लों में ग़ज़ल की परंपरागत नफ़ासत के साथ अपने समय का सच बाख़ूबी दर्ज होता है। मज़बूत शिल्प, प्रभावी कहन और सरोकारसंपन्नता इनकी ग़ज़लों की विशेषताएँ हैं।

विकास वाहिद की ग़ज़लें

ये  मुश्किलें  भला  क्या  ही  बिगाड़तीं  मेरा
कि मुश्किलों से तो फ़ौलाद हो के निकला मैं

मक़सूद अनवर मक़सूद की ग़ज़लें

ग़म न दो इतना कि मेरी जाँ निकल जाए कहीं 
आँसुओं से जिस्म की मिट्टी न गल  जाए  कहीं

मुकेश आलंम की ग़ज़लें

दुनिया का दिल रखते-रखते सब अरमाँ क़ुर्बान किये
हमने सारी फ़ौज लगा  दी  पत्थर  की  निगरानी  में